सारे जवाब बनना
हार यूँ तो मैं मानती नहीं
मायूस होना जानती नहीं
फिर भी लाज़िम है कभी
ग़मग़ीन मैं हो भी जाऊँ
जानती हूँ तुम ग़मज़दा
कभी मुझे होने नहीं दोगे
दुनिया के दश्त-ए-ग़म में
कभी मुझे खोने नहीं दोगे
तुम हौसला तो हो मेरा
मेरी जान भी हो तुम
जिसपे नाज़ कर सकूँ
मेरा मान भी हो तुम
यूँही रहना सदा मेरे साथ
मेरे हमख़याल बन कर
सारे जवाब बनना, जब
उलझूँ मैं सवाल बन कर
— प्रियंका अग्निहोत्री ‘गीत’