पहला प्यार
खून के खत से शेर चार लिखा था।
मैंने पहला -पहला प्यार लिखा था।।
रात को जब सोया था जी भर कर।
तेरे चेहरे पर मेरा इजहार लिखा था।।
छत पर तेरा आना और मुस्कराना।
दिल पर तेरा मैंने इंतज़ार लिखा था।
भुला नहीं पाया मैं पहली मुलाकात।
जब अजनबी पर एतबार लिखा था।।
न जाने कौन सा शुभ वक़्त था दोस्त।
राजेश का रब ने मुक्कदर लिखा था।।
— कवि राजेश पुरोहित