मर जाओगे
एक दिन तुम भी मर जाओगे।
मौत से बचकर किधर जाओगे।
अपनों गैरों की बारातें ।
ये दुनियादारी की बातें।
किसको संग लेकर जाओगे ?
मौत से……………….
भूखे जग में रहे भागते ।
तृष्णा में तुम रहे जागते।
चिरनिद्रा सोकर जाओगे ।
मौत से………………..
यह रिश्तों के झूठे बंधन ।
छोड़ के भूमि भवन औ, वाहन।
कंधो पर लदकर जाओगे ।
मौत से………………
कुछ ऐसा कर गये जो प्यारे ।
याद किये गये काम तुम्हारे ।
खुद को अमर तुम कर जाओगे ।
मौत से…………………..
© डॉ.दिवाकर दत्त त्रिपाठी