तो कोई बात बने
पल-पल रंग बदलती दुनिया में
गिरगिट बने बिना रह सको, तो कोई बात बने.
कुदरत की चहकती-महकती दुनिया की
चहक-महक बनाए रख सको, तो कोई बात बने.
मिटती इंसानियत के फलक में
सजीले-चटकीले रंग भर सको, तो कोई बात बने.
पर्यावरण को प्रदूषण की मार से
बचाने में सहायक बन सको, तो कोई बात बने.
अपनी इज़्ज़त के लिए तरसने-लड़पने वालो
अपने मुल्क की इज़्ज़त बरकरार रख सको, तो कोई बात बने.
-लखमी चंद तिवानी
खुशी में तो सभी हंसते-मुस्कुराते हैं,
गमों की घड़ियों में भी मुस्कुरा सको तो कोई बात बने.