तेरी याद
लम्हा लम्हा हर पल गुज़र रही है जिंदगी,
गुज़रते हुए हर लम्हे में तुम हो ,
हाँ तुम ही तो हो संग मेरे याद में ,
आओ हम बुरा भूल जाये ,
हमने की जो भी गलती ,
उसको भूल कर हम ,
कुछ पल संग एक दूसरे के बिताए ।
आज फिर गीले शिकवे भूल कर ,
एक दूजे को गले लगाए ,
एक दूसरे की खुशी में खुश हो जाये ।
तुम हर गुज़रते लम्हे के साथ ,
दूर मुझसे जा रहे हो ,
कैसे तुमको निकालूँ मैं यादों से।
वो तुम ही तो थे जो दिल से ,
खुशी मेरी चाहते थे हर पल,
कहाँ खो गए तुम दुनिया मे ।
तुम तो चले गए दुनिया मे खो कर ,
अपनी यादों को क्यो छोड़ गए ,
मुझे तन्हा कर जाने को ।
तेरी यादों का ही सहारा है जीने को ,
पल पल जो गुज़रता है याद में तेरे,
तेरी याद में मेरी खुशी याद बन गई।
सारिका औदिच्य