मुक्तक/दोहा नववर्ष २०२० मोहित शुक्ल 01/01/2020 नवनीत नयन के नव उपवन मे, वृक्ष नये आरोपित हो। हर्षित हो हर जन का जीवन , मन्त्र मुग्ध आलोकित हो।। ज्ञानपृष्ठ भी विकसित हो, भाषा का संचार बढ़े। उज्ज्वल छवि हो भारत की, और आभा का विस्तार रहे।। — मोहित शुक्ल