नव वर्ष का आया नया विहान है
नव प्रात लिए, नव आस लिए,
नव वर्ष का नव सोपान है,
नव प्रीत लिए, नव भाव लिए,
पुरातन का अवसान है,
नव वर्ष का आया नया विहान है.
हैं गीत नए, संकल्प नए,
दिखते हैं अनेक विकल्प नए,
बस मन में दृढ़ता धार चलो,
फिर कायम आन, बान औ’ शान है,
नव वर्ष का आया नया विहान है.
चल पड़े जो चुनके सुहानी डगर,
उनका हो गया सुहाना सफर,
मिल जाएंगे राही अनेक नए,
चलने का करना विधान है,
नव वर्ष का आया नया विहान है.
-लखमीचंद तिवानी
गुज़रो न बस क़रीब से ख़याल की तरह
आ जाओ ज़िंदगी में नए साल की तरह
~कविता किरण