आस्ट्रेलिया में लगी भीषण आग से करोड़ों जानवर मरे
आज के अधिकतर समाचार पत्रों में आस्ट्रेलिया के जंगलों में पिछले चार महिनों से लगी भीषण आग से लगभग 48 करोड़ विभिन्न तरह के जानवरों के मारे जाने की अत्यन्त हृदय विदारक व स्तब्ध कर देने वाला समाचार प्रकाशित हुआ है, इन मारे गये जानवरों में तरह-तरह के स्तनधारी जीव, रेंगने वाले रेप्टाइल्स व पक्षी आदि सभी सम्मिलित हैं। केवल आस्ट्रेलिया के जंगलों में, पेड़ों पर रहने वाला प्यारा सा-नन्हां सा जीव कोआला, जो वहाँ के न्यू साउथ इलाके के मध्य-उत्तरी भाग में बहुतायत में पाए जाते हैं, बहुत बड़ी संख्या में जलकर मरे हैं, वैसे ही ये बहुत दुर्लभ जानवर हैं, जो अपने अन्तिम अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहे हैं, आग की इस भयावह दुर्घटना से अब इनकी संख्या और दयनीय स्तर तक घट जाएगी।
आग की भयावहता व इसके विस्तृत क्षेत्रफल का अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि पिछले साल अमेजन के जंगलों में लगी भयानक आग के क्षेत्रफल से यह दुगुना तथा 2018 में संयुक्त राज्य अमेरिका के कैलिफोर्निया में लगी आग के क्षेत्रफल से लगभग छः गुने व्यापक और विस्तृत भूभाग के क्षेत्रफल में यह आस्ट्रेलिया के जंगलों की आग पिछले चार महिनों से धधक रही है, बुझने का नाम ही नहीं ले रही है, क्योंकि आजकल आस्ट्रेलिया में भयंकर गर्मी और लू चल रही होती है। इसीलिए ये आग लगी है, जलवायु परिवर्तन पर शोध करने वाले पर्यावरण वैज्ञानिकों के अनुसार इस भयंकरतम् लगी आग से आस्ट्रेलिया महाद्वीप का औसत तापमान 2.7 डिग्री सेल्सियस तक बढ़ गया है।
आस्ट्रेलिया में लगी इस भयंकर आग का सबसे दुःखद पक्ष यह है कि मानव सहित, जान-माल की भयंकर क्षति के अलावे दुनियाभर में कटते वनों और भयंकर प्रदूषण से थलीय, जलीय व आकाशीय जीव वैसे ही तेजी से विलुप्त होते जा रहे हैं, इस आग ने इस धरती के अमूल्य धरोहर करोड़ों वन्य जीवों को अचानक और एकबार ही मौत के मुँह में असमय धकेल दिया है। आधुनिक वैज्ञानिक उपकरणों से सुसज्जित यह दुनिया अगर समय रहते इस भयंकर आग पर काबू पा लेती तो इतने जानवरों को असमय मरने से बचाया जा सकता था, लेकिन बहुत अफ़सोस है ऐसा नहीं किया जा सका है।
— निर्मल कुमार शर्मा