नए साल की आहट
नए साल की आहट आई है,
लबों पर मधुरिम-सी मुस्कुराहट छाई है.
पंछी हर्षित हो मधुर गीत गा रहे हैं,
मन में हमारे भी गुनगुनाहट आई है.
वृक्ष लहराकर झूम-नाच रहे हैं,
हमने भी झूम-नाचकर खुशियां मनाई हैं.
कहीं आमों, तो कहीं सेवों से पेड़ लदे हैं,
हमने भी बनाई-खाई मिठाई है.
भारत में 5 बजे सूरज छिपने लगता है,
ऑस्ट्रेलिया में रात 8 बजे तक धूप ने धूम मचाई है.
पिछले साल चलते रहे ताने-तुनके दंगे-फसाद,
देखें नए साल ने क्या सूची बनाई है.
नया वर्ष, नया उत्साह, नया जोश हो,
मन में ऐसी मंगलकामना आई है.
आनंद से पूरित रहे मन सबका,
नए साल ने खुद यह बधाई गाई है.
-लीला तिवानी
सुन्दर रचना . नया साल , नई उमंगें .
प्रिय गुरमैल भाई जी, रचना पसंद करने, सार्थक व प्रोत्साहक प्रतिक्रिया करके उत्साहवर्द्धन के लिए आपका हार्दिक अभिनंदन. आपको भी सबकी ओर से नये वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं. ब्लॉग का संज्ञान लेने, इतने त्वरित, सार्थक व हार्दिक कामेंट के लिए हृदय से शुक्रिया और धन्यवाद.
नए साल में सही राह पर, अपने रथ को मोड़ो,
तंज़ करना छोड़ो, ठोस काम से नाता जोड़ो.