बैठो आ कर पास, नयन भर जाने दो।
रिमझिम स्नेह आपार, बरस जाने दो।
मृगनयनी तेरे नयन कजरारे।
मचल मचल कर करें इशारे।
होंठो पर मुस्कान छुपी है।
मात्थे पर लट आन झुकी है।
गाल लालो लाल, जरा हर्षाने दो।
बैठो आकर पास, नयन भर जानें दो।
देख देख मन है ललचाए।
ठुमक ठुमक जब चलती जाए।
सो सो बल खाए कमरिया।
पग पग सदके करे डगरिया।
दिल पर रख के हाथ, जी तरस जाने दो।
बैठो आकर पास, नयन भर जाने दो।
मीठे बोल में मिशरी घोले।
प्रेम रसिये के मन में डोले।
यूँ पानी में आग लगाए।
भला मन यह कैसे बच पाए।
इश्क में हुआ बेहाल, कुछ कर जाने दो।
बैठो आकर पास, नयन भर जाने दो।
प्रेम पगे जब हैं मिल जाते।
सुखे गुलशन भी खिल जाते।
तेरा साथ जिसे मिल जाए।
और कहाँ फिर कैसे जाए।
चाँद सा तेरा दीदार, जी नज़र आने दो।
बैठो आकर पास, नयन भर जाने दो।
— शिव सन्याल