दिल्ली में वायु प्यूरीफायर का लगना एक अच्छी पहल
भारत में दिल्ली और एनसीआर के कई शहर विश्व के सर्वाधिक प्रदूषित शहरों में अग्रणी हैं। जाड़े की शुरूआत में दीवाली में यहाँ के शहरों में करोड़ों की संख्या में मुख्यतः फुलझड़ियों, चकरी पटाखों और अनार छोड़ने से भयंकरतम् प्रदूषण की वजह से साँस लेना दूभर हो जाता है, आँखों में तेज जलन होने लगती है। पिछले वर्ष सुप्रीमकोर्ट ने दिल्ली, पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिवों को तलब करके प्रदूषण नियंत्रण में अब तक उनके द्वारा की ढिलाई के लिए कड़ी फटकार लगाई थी।
सुप्रीमकोर्ट की कड़ी फटाफट और नसीहत के बाद अब देश का पहला बीस फुट ऊँचा वायु प्यूरीफायर दिल्ली के लाजपतनगर में लगाया गया है, जो अपने आसपास 500 से 750 वर्ग मीटर क्षेत्रफल के छःलाख घन मीटर तक की पीएम 2.5, पीएम 10 पार्टिकल्स वाली प्रदूषित हवा को 75 प्रतिशत तक साफ करेगा। चूँकि दिल्ली जैसे बड़े महानगर के लिह़ाज से यह बहुत छोटा प्यूरीफायर है, इसलिए सरकार सौरचालित चीनी मेगा प्यूरीफायर की तर्ज पर बड़े सौर प्यूरीफायर बनाने की सोच रही है, जो 10 मिलियन क्यूबिक मीटर तक की हवा को प्रतिदिन साफ करेगा।
हमें वायु प्रदूषण कम करने के लिए कई स्तरों पर ईमानदारी से प्रयास करने होंगे, जैसे हमें देश भर में अपने हरेक शहरों में आबादी के अनुसार वायु प्यूरीफायर तो लगाने ही होंगे, उसके साथ हमें विकसित और सभ्य देशों की तर्ज पर कारों, टैक्सियों, मोटरसाइकिलों आदि पेट्रोल व डीज़ल चालित प्राइवेट वाहनों का कम से कम प्रयोग करके, इनकी जगह विद्युत चालित बसों, ट्रामों, ट्रेनों और मेट्रो आदि का अधिकाधिक प्रयोग करना ही चाहिए, इसके अतिरिक्त सायिकिल के प्रयोग को भी बढ़वा देना चाहिए। इसके अलावे हमें अपने शहरों का पानी भी जल प्यूरीफायर { जल संशोधन संयत्रों }से साफ करके ही अपनी नदियों में डालना चाहिए।
— निर्मल कुमार शर्मा