मुक्तक
दिल की बातें जुबां पर कभी लाई नहीं जाती
चेहरे की रंगत भी मगर उनसे छुपाई नहीं जाती
समझने वाले तो समझ ही जाते है राज-ए-दिल
हर बात काग़ज़ कलम से समझायी नहीं जाती
दिल की बातें जुबां पर कभी लाई नहीं जाती
चेहरे की रंगत भी मगर उनसे छुपाई नहीं जाती
समझने वाले तो समझ ही जाते है राज-ए-दिल
हर बात काग़ज़ कलम से समझायी नहीं जाती