कैसे गाऊँ गीत प्रेम का
कैसे गाऊँ गीत प्रेम के
पिय का प्रीत कलश रीता |
हृदय पटल पर हे प्रिय हमने ,
अंकित तेरा नाम किया |
सेंदुर माँग सजाया हमने ,
काजल बिंदिया सजा लिया |
श्वेत पत्र सा हृदय तुम्हारा ,
पर रंगों से नहीं रंगा |
कैसे गाऊँ – – – – – –
जीवन को शर्तों पर जीना ,
कैसे रास तुम्हे आया ,
अहंकार में जीवन जीना ,हे प्रियवर कैसे सीखा |
प्रेम भरे जीवन परिमल को –
तार तार कर बिखराया |
कैसे गाऊँ- – – – – – – –
आशाओं के दीप जलाए ,
निष्ठा और समर्पण से |
स्वप्नों की आहुतियाँ डाली,
प्रीत रीत की अग्नि में |
मकड़ जाल दुर्व्यवहारों का,
तमस मिला उपहारों में |
कैसे गाऊँ- – – – – – – – –
— मंजूषा श्रीवास्तव ‘मृदुल’