लघुकथा

लघुकथा “छबीस जनवरी”

लघुकथा “छबीस जनवरी”

“गुरमीत, तुमने सारा समान खरीद लिया, लड़कियों के मेक-अप और कुंदन सैट बगैरा,” तरु ने पूछा| नहीं तो मैं बाजार जा रही हूँ कुछ ओर लाना है तो ले आऊंगी| कल २६ जनवरी को सुवह जल्दी आठ बजे स्कूल की लड़किया को स्टेडियम ले जाना है| ऑटोज का  इंतजाम भी कर आऊंगी| बाकी बचा तो तुम  देख लेना| कल समय पर स्कूल आ जाना|” गुरमीत, “हां, मैने  सारे बच्चों को खाने का टिफिन, पानी की बोतल और कुछ पैसे साथ रखने को भी कह दिया है| सखी, कल का प्रोग्राम अच्छा हो जाए हम दोनों ने इतनी मेहनत से डांस और गीत तैयार करवाया है|” तरु, “बस कल परफोर्म अच्छा हो जाए, तभी तसल्ली होगी|” गणतन्त्र दिवस स्टेडियम में अपनी जगह पर सभी बच्चे और अध्यापक बैठे थे| प्रिंसिपल मैडम ने आकर देखा सब इंतजाम ठीक है बोली, “स्कूल का साईंन बोर्ड आगे रखो|” तभी तरु ने सभी बच्चों को झंडे पकड़ा दिए| प्रिंसिपल मैडम ने पूछा, “ये तुझे याद रहा तरु| इस बिना तो आना अधूरा था|” तरु, “मैडम कल एक औरत बेच रही थी | मैने सारे खरीद लिए सोचा उस गरीब की मदद हो जाएगी और हमारी जरूरत भी पूरी हो जाएगी|” प्रिसिपल, “तरु इसे सब क्लासों के बच्चों में बंटवा दो और कहना हिला-हिला कर सबका अभिवादन करें|

स्वरचित रेखा मोहन २६/१/२०२०

*रेखा मोहन

रेखा मोहन एक सर्वगुण सम्पन्न लेखिका हैं | रेखा मोहन का जन्म तारीख ७ अक्टूबर को पिता श्री सोम प्रकाश और माता श्रीमती कृष्णा चोपड़ा के घर हुआ| रेखा मोहन की शैक्षिक योग्यताओं में एम.ऐ. हिन्दी, एम.ऐ. पंजाबी, इंग्लिश इलीकटीव, बी.एड., डिप्लोमा उर्दू और ओप्शन संस्कृत सम्मिलित हैं| उनके पति श्री योगीन्द्र मोहन लेखन–कला में पूर्ण सहयोग देते हैं| उनको पटियाला गौरव, बेस्ट टीचर, सामाजिक क्षेत्र में बेस्ट सर्विस अवार्ड से सम्मानित किया जा चूका है| रेखा मोहन की लिखी रचनाएँ बहुत से समाचार-पत्रों और मैगज़ीनों में प्रकाशित होती रहती हैं| Address: E-201, Type III Behind Harpal Tiwana Auditorium Model Town, PATIALA ईमेल [email protected]