ग़ज़ल
रहनुमा को सदा मस्तियाँ चाहिए
खूबसूरत मधुर तितलियाँ चाहिए |
लीन है मयकशी में बशर जो, उन्हें
गोश्त सेंका हुआ, मछलियाँ चाहिए |
सामने वार करने से’ जो डरे
अस्त्र बदले उन्हें चूड़ियाँ चाहिए |
भारती का बड़ा दिल है’ करती क्षमा
शुद्ध दिल से लिखे अर्जियाँ चाहिए |
लात के भूत को दंड हो वाणी नहीं
शत्रु को बेरहम गोलियाँ चाहिए|
नेता अपने लिए जो किया कम सभी
माल पैसा बड़ी गाडयाँ चाहिए |
देश की शान ‘काली’ रहे सर्वदा
देश को साहसी बेटियाँ चाहिए |
कालीपद प्रसाद’