लघुकथा

टेनिस एल्बो

दो दिन में ही टेनिस एल्बो के दर्द में पूरी राहत पाने पर देवेश को दो दिन पहले की बात याद आ रही थी.

”थककर बैठा हूं, हारकर नहीं,

सिर्फ बाजी हाथ से निकली है, जिंदगी नहीं.”

मैंने अपने एक ग्रुप के सभी मित्रों को फेसबुक पर यह संदेश भेजा.

”मैं सचमुच घबरा ही गया था. बात घबराने वाली थी ही. मुझे लगा था मेरा दाहिना हाथ बेकार हो गया, तो काम कैसे चलेगा! निश्चय ही मेरा मैसेज देखकर मेरे मित्र भी घबरा गए होंगे!” देवेश सोच रहा था. सर्वेश ने तो फोन ही कर दिया था.

”यार कौन-सी बाजी हारे हो?” उसने कहा था.

”मत पूछ यार, कल दोपहर लैपटॉप पर काम करते-करते दाहिनी बाजू में अचानक एक पल के लिए इतना शूटिंग पेन हुआ, कि क्या बताऊं! उस समय तो महसूस नहीं हुआ, पर रात को कंघी करने में दिक्कत आ रही थी और आंखों में ड्रॉप्स डालने में भी. मुझे लग रहा था, किसी हड्डी में क्रैक आ गया है. कोहनी के पास थोड़ी-सी सूजन भी आ गई है.”

”शुक्र कर, तुझे कोई अति चिंताजनक बीमारी नहीं हुई. इस उम्र में ये छोटे-छोटे रोग भी कम उत्पाती तो नहीं ही होते न! तुझे पता है, कि तुझे कितनी शानदार बीमारी हुई है?” राम जाने सर्वेश मजाक के मूड में था या मुझे समझाने-बहलाने के! पर मैं तो उस पर रीझा नहीं, कोफ़्त जो हो रही थी! ”बीमारी भी शानदार होती है क्या?” मैंने अपनी खीझ निकाली थी.

”अरे नाम तो सुन इस बीमारी का! इसका नाम है टेनिस एल्बो.”

”लेकिन मैंने तो कभी टेनिस खेला ही नहीं!”

”तभी तो कह रहा हूं तुझे शानदार बीमारी हुई है. बिना टेनिस खेले टेनिस एल्बो हो गया, भई वाह! अक्सर यह स्थिति श्रमिकों के बीच भी बहुत आम है जो हथौड़ा और सुतार चलाते हैं, तूने तो बस हाथ में माउस ही थामा होगा!”

”बिलकुल ठीक कह रहा है यार!”

”मुट्ठी बंद करके हिलाकर देख, दर्द वाली जगह दर्द हो रहा है क्या?”

”हां, बिलकुल हो रहा है!” मैंने कुछ आशंकित होकर कहा था.

”कुछ नहीं हुआ है तुझे, बस एल्बो का बाहरी हिस्सा कोमल हो गया है, इसलिए दर्द हो रहा है. अपनी मुट्ठी बंद करके कलाई का व्यायाम कर ले, किसी दर्द-निवारक ट्यूब से मालिश कर ले, जरूरत पड़े तो खाना खाने के बाद एकाध दर्द-निवारक गोली ले लेना और टेनिस एल्बो ब्रेस (बैंड) पहन लेना. है बात सिर्फ़ इतनी, और बन गया अफ़सान! तूने तो एक क्लिक करके पूरे ग्रुप को बाजी हारने से डरा दिया!”

”धन्यवाद सर्वेश, तेरी डॉक्टरी का कुछ तो फायदा मिला!”

एल्बो का बाहरी हिस्सा कोमल होने पर भी दर्द होता है, यह मुझे पहली बार पता चला था. एक फोन कॉल ने मुझे उजाले की ओर परावर्तित कर दिया था. इस बार मैंने पूरे ग्रुप को अपना अनुभव भेजकर निश्चिंत करने का निश्चय कर मोबाइल उठा लिया.

*लीला तिवानी

लेखक/रचनाकार: लीला तिवानी। शिक्षा हिंदी में एम.ए., एम.एड.। कई वर्षों से हिंदी अध्यापन के पश्चात रिटायर्ड। दिल्ली राज्य स्तर पर तथा राष्ट्रीय स्तर पर दो शोधपत्र पुरस्कृत। हिंदी-सिंधी भाषा में पुस्तकें प्रकाशित। अनेक पत्र-पत्रिकाओं में नियमित रूप से रचनाएं प्रकाशित होती रहती हैं। लीला तिवानी 57, बैंक अपार्टमेंट्स, प्लॉट नं. 22, सैक्टर- 4 द्वारका, नई दिल्ली पिन कोड- 110078 मोबाइल- +91 98681 25244

One thought on “टेनिस एल्बो

  • लीला तिवानी

    लेटरल एपीकॉन्डिलिटिस या इसे आमतौर पर टेनिस एल्बो कहा जाता है। यह एक स्थिति है जिसके द्वारा एल्बो का बाहरी हिस्सा कोमल और दर्द होता है। यह एल्बो के हिस्से को लेटरल एपीकॉन्डिलिटिस के रूप में जाना जाता है। यह फोरम के टेंडन और मांसपेशियों के दोहराव ओवरयूज़ की वजह से होता है।

    टेनिस एल्बो बीमारी की साइट पर कोमलता और दर्द की ओर ले जाती है। किसी भी गतिविधि, जिसमें टेनिस खेलना शामिल है जिसमें अग्रदूत की विस्तारक मांसपेशियों के दोहराव के उपयोग शामिल हैं, एल्बो के लेटरल एपीकॉन्डिलिटिस में क्रोनिक टेंडोनिटिस का कारण बन सकता है। यह स्थिति श्रमिकों के बीच भी बहुत आम है जो हथौड़ा और सुतार चलाते हैं, जो एल्बो के अंदर के हिस्से में मध्यवर्ती एपीकॉन्डिलिटिस को प्रभावित करते हैं। कभी-कभी लॉन-टेनिस एल्बो और वॉशर महिलाओं की एल्बो के रूप में भी जाना जाता है, इस स्थिति की शुरुआत के बाद निरंतर गतिविधि में दर्द होता है जो सर्जरी के माध्यम से केवल इलाज योग्य होता है। एक बार जब आप इस बीमारी का निदान करते हैं तो डॉक्टरों द्वारा अनिवार्य आराम की सलाह दी जाती है।

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