तुम हो तो हम हैं, बिन तुम कहाँ होंगे।
जाओगे तुम जहाँ , हम भी वहाँ होंगे।
तुम बिन यह जिंदगी, अकेली अधूरी है।
दिल से दिल मिले, मिट गई यह दूरी है।
बिन तेरे हर महफ़िल में हम तन्हां होंगे।
तुम हो तो हम हैं, बिन तुम कहाँ होंगे।
तुम से रोशन है मेरा आलम यह सारा।
आँखों में है रहता मेरा सनम प्यारा।
तेरी हर रूसवाई में यह दिल फ़ना होंगे।
तुम हो तो हम हैं, बिन तुम कहाँ होंगे।
तेरी जुल्फोंके साये मुहब्बतके तसव्वुर हैं।
मेरी इश्के रूहानी के यही तो रहबर हैं।
हर बार मिलन होगा ,हर अपनें जहाँ होंगे।
तुम हो तो हम हैं, बिन तुम कहाँ होंगे।
— शिव सन्याल