रियाया इससे पहले की बग़ावत पर उतर आए..
रियाया इससे पहले की बग़ावत पर उतर आए
अमीरे शहर से कह दो शराफ़त पर उतर आए
दिया क्या साथ हमने मुफ़लिसों की हक़परस्ती का
हमारे दोस्त ही हमसे अदावत पर उतर आए
तुम्ही से थी हमें उम्मीद दोगे साथ हर हालत
मगर ये क्या हुआ तुम भी शिकायत पर उतर आए
तुम्हें माना रियाया ने अलग उस भीड़ से लेकिन
मियाँ तुम भी उसी ओछी सियासत पर उतर आए
हटें इक दिन मुहब्बत पर लगी पाबंदियाँ शायद
हमारी चाहतों का चाँद फिर छत पर उतर आए
भरोसा था हमें जिन पर ज़ियादा ख़ुद से भी ये क्या
वही अपने अमानत में खयानत पर उतर आए
बढ़ी है ज़र कमाने की हवस इस तौर लोगों में
कि रिश्ते भावनाओं की तिजारत पर उतर आए
सतीश बंसल
३१.०१.२०२०