गीत/नवगीत

कैसे तुझे बधाई दे दूँ हे दिल्ली सरकार

निर्वाचन  के  महासमर में तूँने बहुमत पाया है।
झाड़ू लेकर इधर से उधर कचरा खूब उड़ाया है।
लोकतन्त्र के शेर आप हो और सभी के बाप तुम्हीं-
थोड़ा सा बस कमल खिला ज्यादा कुचला कुम्हलाया है।
कांग्रेस जीरो पर अटकी फिर भी चढ़ा खुमार।
कैसे    तुझे    बधाई  दे  दूँ  हे दिल्ली सरकार।।
चार साल तक एल जी पी एम का तूँने रोना रोया।
जनता के दिल में घुसकर के बीज छद्म का भी बोया।
चालाकी  में  तुम हो लोमड़ और तेज हो गिरगिट से –
चार साल के पापों को अब एक साल में रगड़ा धोया।
फ्री  के  लेने – देने  को भी हम करते स्वीकार।
कैसे    तुझे    बधाई  दे  दूँ  हे दिल्ली सरकार।।
एयर स्ट्राइक पर तुमने भी सबूत तो माँगा था।
सेना की कुर्बानी को भी राजनीति पर टाँगा था।
काश्मीर के मुद्दे पर तेरे भी आँसू थे छलके –
राष्ट्रवाद की बात चली तो तूँ भी बिल्ला – रांगा था।
देशद्रोह  का किया समर्थन लानत तुझे हजार।
कैसे   तुझे   बधाई  दे  दूँ  हे दिल्ली सरकार।।
अगर देश के मुद्दे पर तुम साथ सही का देते तो।
सैनिक के घरवालों की भी बहुत दुवाएँ लेते तो।
बलात्कार का पक्ष न लेकर साथ दामिनी के रहते-
कश्मीरी विस्थापित पर थोड़ा भी होते चेते तो।
अवध  तुम्हारी  झोली  में  भर देता यह संसार।
कैसे    तुझे    बधाई  दे  दूँ  हे दिल्ली सरकार।।

*डॉ. अवधेश कुमार अवध

नाम- डॉ अवधेश कुमार ‘अवध’ पिता- स्व0 शिव कुमार सिंह जन्मतिथि- 15/01/1974 पता- ग्राम व पोस्ट : मैढ़ी जिला- चन्दौली (उ. प्र.) सम्पर्क नं. 919862744237 [email protected] शिक्षा- स्नातकोत्तर: हिन्दी, अर्थशास्त्र बी. टेक. सिविल इंजीनियरिंग, बी. एड. डिप्लोमा: पत्रकारिता, इलेक्ट्रीकल इंजीनियरिंग व्यवसाय- इंजीनियरिंग (मेघालय) प्रभारी- नारासणी साहित्य अकादमी, मेघालय सदस्य-पूर्वोत्तर हिन्दी साहित्य अकादमी प्रकाशन विवरण- विविध पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशन नियमित काव्य स्तम्भ- मासिक पत्र ‘निष्ठा’ अभिरुचि- साहित्य पाठ व सृजन