उपमान हमारे लज्जित हैं
हे रूपसि! तुझको देख-देख, उपमान हमारे लज्जित हैं। तेरी आंखों में है जादू, दिल डूब – डूब है बेकाबूनवरस प्रतिबिंबित
Read Moreहे रूपसि! तुझको देख-देख, उपमान हमारे लज्जित हैं। तेरी आंखों में है जादू, दिल डूब – डूब है बेकाबूनवरस प्रतिबिंबित
Read Moreइतनी जल्दी क्या है साजन, ठहरो पल-दो-पल।जनम-जनम के हम साथी हैं, बंधन अचल अटल।एक – दूसरे के हम दोनों, सुख
Read Moreबॉस हो जब सामने तो, मुस्कुराना छोड़ दो।साथ हो बीवी अगर, दूजी पटाना छोड़ दो। हाथ में है योग्यता-डिग्री-हुनर तो
Read Moreअब तू ही तो बता साथिया,तुझको छोड़ कहां मैं जाऊं? तू गंगा यमुना कावेरी,सी पावन शीतल निर्मल है।तू ही मेरे
Read Moreग़ज़ल औ सजल में लड़ाई न होती।अगर बात भाषा की आई न होती।। नया छंद कहकर रखा ग़ पे स
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