प्रेम पगे प्रश्न
नैन कटारी मार मुझे घायल कर जाती हो बोलो।
रातों में सपनों में आकर चैन चुराती हो बोलो।
तेरी यादों की झंकारों में धड़कन भी गैर हुई-
पल पल पल तड़पाकर मुझको क्या तुम पाती हो बोलो?
नैनों को हथियार बनाना तूने मुझे सिखाया है।
चैन चुराना सिखलाकर तूने ही चोर बनाया है।
धड़कन से मिल धड़कन तेरी-मेरी धड़कन रही कहाँ-
पाने – खोने की यह गणना किसने तुझे पढ़ाया है?
प्रेम एक पूजा है जिसमें पहले खोकर पाना है।
दिल वालों की दरिया में बस दिल का आना-जाना है।
एक – एक मिलकर भी केवल एक यहाँ पर कहलाते-
तुमको मैं बनकर मुझको तुम बन करके दिखलाना है।।