तेरे होने से
सुनहरा संसार है
खुशियों का आसार है
जीवन में सार है
खेलती बहार है
—तेरे होने से
नूतन संसार है
हर पल अभिसार है
सौरभमय बयार है
हर दिन त्यौहार है
—–तेरे होने से
थिरकता प्यार है
हर दिन उपहार है
ढाई आखर स्वीकार है
हर शै पर ऐतबार है
—–तेरे होने से
— प्रो.शरद नारायण खरे