हर दिन को पर्व बनाए जा
शिवरात्रि पर विशेष
गाए जा, गाए जा, गाए जा, तू गीत प्रभु के गाए जा
बनाए जा, बनाए जा, बनाए जा, हर दिन को पर्व बनाए जा-
1.तेरे मन में प्रभु हैं समाए, हर रंग के सुमन खिलाए
रंगाए जा, रंगाए जा, रंगाए जा, प्रभु-रग में मन को रंगाए जा-
2.हर सुबह रवि की लाली, ले आती है खुशहाली
मनाए जा, मनाए जा, मनाए जा, हर पल तू शुक्र मनाए जा-
3.आनंद का रूप हैं दाता, हैं सबके भाग्य-विधाता
बहाए जा, बहाए जा, बहाए जा, आनंद के झरने बहाए जा-
4.प्रभु ने ही जन्म दिया है, पालन-पोषण भी किया जा
पाए जा, पाए जा, पाए जा, प्रभु की कृपा को पाए जा-
प्रसिद्ध राजस्थानी लोकगीत(सासुल पनिया कैसे जाऊं रसीले दोऊ नैना—-)पर आधारित शिव भजन
भोले भव से कर दो पार पकड़ लो मेरी बैंयां
पकड़ लो मेरी बैंयां पकड़ लो मेरी बैंयां-भोले भव से कर दो————–
1. मैं पार उतरना चाहूं मुझे राह न कोई सूझे
मेरे दांएं-बांएं सब हैं मेरा हाल न कोई बूझे
शंकर शरण में ले लो आके पकड़ लो मेरी बैंयां-भोले भव से कर दो————–
2.मैं पाप-ताप से हारी मेरी डोल रही है नैय्या
मैं कब से तुझे पुकारूं आ बन जा प्रभु खिवैया
शंकर बन जाओ पतवार पकड़ लो मेरी बैंयां-भोले भव से कर दो————–
3.तुम दीनबन्धु हो दाता मुझको भी तो अपना लो
हे सबके भाग्य-विधाता मेरा जीवन सफल बनादो
कर दो मेरा भी उद्धार पकड़ लो मेरी बैंयां-भोले भव से कर दो————–
4.हे शिवशंकर-त्रिपुरारी भक्तों के भवभयहारी
हमें अपना दरश दिखाकर प्रभु हरलो विपदा सारी
कर दो इतना-सा उपकार पकड़ लो मेरी बैंयां-भोले भव से कर दो————–