विशेष सदाबहार कैलेंडर- 151
उत्तम स्वास्थ्य हेतु नुस्खे विशेष- प्रेषक सुदर्शन खन्ना
1.पानी में गुड़ डालिए, बीत जाए जब रात,
सुबह छानकर पीजिए, अच्छे हों हालात.
2.धनिया की पत्ती मसल, बूंद नैन में डार
दुखती अँखियां ठीक हों, पल लागे दो-चार
3.ऊर्जा मिलती है बहुत, पिएं गुनगुना नीर
कब्ज खतम हो पेट की, मिट जाए हर पीर
4.प्रातः काल पानी पिएं, घूंट-घूंट कर आप
बस दो-तीन गिलास है, हर औषधि का बाप
5.ठंडा पानी पियो मत, करता क्रूर प्रहार
करे हाजमे का सदा, ये तो बंटाढार
6.भोजन करें धरती पर, अल्थी पल्थी मार
चबा-चबा कर खाइए, वैद्य न झांकें द्वार
7.प्रातः काल फल रस लो, दुपहर लस्सी-छाछ
सदा रात में दूध पी, सभी रोग का नाश
8.प्रातः दोपहर लीजिए, जब नियमित आहार,
तीस मिनट की नींद लो, रोग न आवे द्वार.
9.भोजन करके रात में, घूमें कदम हजार
डॉक्टर, ओझा, वैद्य का, लुट जाए व्यापार
10.घूंट-घूंट पानी पियो, रह तनाव से दूर
एसिडिटी, या मोटापा, होवे चकनाचूर
11.अर्थराइज या हार्निया, अपेंडिक्स का त्रास
पानी पीजै बैठकर, कभी न आवे पास
12.रक्तचाप बढ़ने लगे, तब मत सोचो भाय
सौगंध राम की खाइ के, तुरंत छोड़ दो चाय
13.सुबह खाइए कुवंर-सा, दुपहर यथा नरेश
भोजन लीजै रात में, जैसे रंक सुरेश
14.देर रात तक जागना, रोगों का जंजाल
अपच,आंख के रोग संग, तन भी रहे निढाल
15.दर्द, घाव, फोड़ा, चुभन, सूजन, चोट पिराइ
बीस मिनट चुंबक धरौ, पिरवा जाइ हेराइ
16.सत्तर रोगों को करे, चूना हमसे दूर
दूर करे ये बांझपन, सुस्ती अपच हुजूर
17.भोजन करके जोहिए, केवल घंटा डेढ़
पानी इसके बाद पी, ये औषधि का पेड़
18.अलसी, तिल, नारियल, घी सरसों का तेल
यही खाइए नहीं तो, हार्ट समझिए फेल
19.पहला स्थान सेंधा नमक, पहाड़ी नमक सु जान
श्वेत नमक है सागरी, ये है जहर समान
20.अल्यूमिन के पात्र का, करता है जो उपयोग
आमंत्रित करता सदा, वह अड़तालीस रोग
21.फल या मीठा खाइके, तुरत न पीजै नीर
ये सब छोटी आंत में, बनते विषधर तीर
22.चोकर खाने से सदा, बढ़ती तन की शक्ति
गेहूं मोटा पीसिए, दिल में बढ़े विरक्ति
23.रोज मुलहठी चूसिए, कफ बाहर आ जाय
बने सुरीला कंठ भी, सबको लगत सुहाय
24.भोजन करके खाइए, सौंफ, गुड़, अजवान
पत्थर भी पच जायगा, जानै सकल जहान
25.लौकी का रस पीजिए, चोकर युक्त पिसान
तुलसी, गुड़, सेंधा नमक, हृदय रोग निदान
26.चैत्र माह में नीम की, पत्ती हर दिन खावे
ज्वर, डेंगू या मलेरिया, बारह मील भगावे
27.सौ वर्षों तक वह जिए, लेते नाक से सांस
अल्पकाल जीवें, करें, मुंह से श्वासोच्छ्वास
28.सितम, गर्म जल से कभी, करिये मत स्नान
घट जाता है आत्मबल, नैनन को नुकसान
29.हृदय रोग से आपको, बचना है श्रीमान
सुरा, चाय या कोल्ड्रिंक, का मत करिए पान
30.अगर नहावें गरम जल, तन-मन हो कमजोर
नयन ज्योति कमजोर हो, शक्ति घटे चहुं ओर
31.तुलसी का पत्ता करें, यदि हरदम उपयोग
मिट जाते हर उम्र में, तन में सारे रोग
प्रस्तुत है पाठकों के और हमारे प्रयास से सुसज्जित विशेष सदाबहार कैलेंडर. कृपया अगले विशेष सदाबहार कैलेंडर के लिए आप अपने अनमोल वचन भेजें. जिन भाइयों-बहिनों ने इस सदाबहार कैलेंडर के लिए अपने सदाबहार सुविचार भेजे हैं, उनका हार्दिक धन्यवाद.
हर सुबह एक नया सदाबहार अनमोल वचन निकालने के लिए आप हमारी इस ऐप कम वेबसाइट की सहायता ले सकते हैं-
https://www.sadabaharcalendar.com/
पुनश्च-
हम अपने पाठकों और कामेंटेटर्स के अत्यंत आभारी हैं, जो नियमित रूप से प्रतिक्रियाएं लिखकर तो हमें प्रोत्साहित करते ही हैं, समय-समय पर अनेक नुस्खे, अनमोल वचन और रोचक-उपयोगी समाचार भेजकर, नए-नए कवियों-लेखकों से हमारी मुलाकात करवाकर, हर तरह से अपना सहयोग बनाए रखते हैं.
एक छोटी बच्ची दादी से वीडियो चैटिंग कर रही थी, तभी उसको उल्टी आई. वह उल्टी करने लिए वाशरूम जाना चाहती थी. उल्टी रोकने के कारण उसकी मौत हो गईउल्टी रोकने की कोशिश करने के कारण बच्ची की मौत हो गई
बिछिया पहनने के चिकित्सीय फायदे
एक्युप्रेशर चिकित्सा में कहा जाता है कि बिछिया पहनने से तंत्रिका तंत्र और मांसपेशियां सबल रहती हैं। ऐसा माना जाता है बिछिया एक खास नस पर प्रेशर बनाती हैं। जो कि गर्भाशय में समुचित रक्तसंचार प्रवाहित करती है. इससे गर्भधारण क्षमता बेहतर होती है.मासिक चक्र भी नियमित करती है बिछिया.
उत्तम स्वास्थ्य हेतु नुस्खे भेजने हेतु हम प्रबुद्ध लेखक-ब्लॉगर सुदर्शन खन्ना के अत्यंत आभारी हैं. एक बार पहले भी इन्होंने 100 नुस्खे भेजे थे, जो एक श्रंखला की दस कड़ियों में प्रकाशित हुए थे. स्वास्थ्य की शेष बातें हमारी और आपकी कलम से कामेंट्स में.