कविता

महिला सशक्तिकरण

शक्ति को न ललकारो
शीतल जल ही रहने दो ।
वात्सल्य अमृत की धारा
ममता कल कल बहने दो ।।
रूप अनेक है शक्ति के
तुम शक्ति न अपनी दिखलाना ।
मात सदा खाई उसने है
जॉन नारी को पहचाना।।
जननी को अपमानित कर
कभी न कोई जीत सका ।
भुजबल धनबल के बल पर
पा नहीं कोई प्रीत सका ।।
सोने की लंका जली सहज
दुर्दशा हुई दुर्योधन की ।
काल घेरते दिखा कंस को
सुन ललकार देवकी की।।
मर्यादा मान सदा प्यारा
त्याग,तपस्या की मूरत है।
जीत सको तो मन जीतो
हर रिश्ते में खूबसूरत है ।।
— रागिनी स्वर्णकार (शर्मा)

रागिनी स्वर्णकार (शर्मा)

1- रचनाकार का पूरा नाम- श्रीमती रागिनी स्वर्णकार (शर्मा) 2- पिता का नाम-श्री पूरन चंद सोनी 3- माता का नाम -श्रीमती पार्वती 4- पति / पत्नी का नाम- श्री अरुण शर्मा 5- वर्तमान/स्थायी पता -डायमंड रेजीडेंसी, a सेक्टर सिलिकॉन सिटी राऊ ,इंदौर ,जिला-इंदौर मध्यप्रदेश 6- फोन नं/वाट्स एप नं. - 9754835741 7- जन्म / जन्म स्थान-बेगमगंज ,जिला- रायसेन जन्मतिथि 01,/05/1970 8- शिक्षा /व्यवसाय- बी.एस-सी.,एम .ए.(हिंदी,इंग्लिश) एम.एड. 9- प्रकाशित रचनाओं की संख्या-- 300 रचनाएँ प्रकाशित 10- प्रकाशित रचनाओं का विवरण । (लगभग 300 रचनाएँ समाचार पत्र ,संचार एक्सप्रेस ,निशात टाईम्स ,रीडर एक्सप्रेस भोपाल, लोकजंग भोपाल,दैनिक भास्कर भोपाल,देशबन्धु भोपाल ,से प्रकाशित हो चुकी हैं ) संकल्प शालेय पत्रिका का 7 वर्ष से सम्पादन