होली
गुनगुनाओ कि आ गयी होली।
खिलखिलाओ की आगयी होली।
हर तरफ मस्तियों का आलम है,
हिंद आओ कि आ गयी होली।
मानिये मत बुरा ज़रा सा भी,
ग़म भुलाओ कि आ गयी होली।
खेत खलिहान और घर आँगन,
जगमगाओ कि आ गयी होली।
नफ़रतें भूल कर सभी यारों,
दिलमिलाओ कि आ गयी होली।
दूर शिकवे गिले सभी होंगे,
मुस्कुराओ कि आ गयी होली।
आज चौपाल सज रही आँगन,
रात आओ कि आ गयी होली।
— हमीद कानपुरी