कविता

कोरोना से डरो

मैं कोई लेखक नहीं हूँ,

लेकिन लिखता हूँ।

उसी विधा में,

जिस विधा में सुविधा हो।

आखिर दुविधा-विधा में क्यों हो?

 

वो बात और है कि

जिसकी प्रिय विधा काव्य है

वह गा नहीं सकता – कोरोना वायरस है कैसा?

जिसकी प्रिय विधा फोटोग्राफी है

वह खींच नहीं सकता चित्र – कोरोना वायरस का।

जिसकी प्रिय विधा कहानी है

वह कह नहीं सकता – कोरोना वायरस के लिए।

और जब ये कु्छ नहीं कर सकते तब

यह देख कर मैं…

इंसानों को डरा सकता हूँ

उसका नाम लेकर –

सावधान रहो कहकर।

क्योंकि मैं लिखता हूँ सिर्फ डर।

क्योंकि डर के पीछे… धन है।

 

मेरी प्रिय विधा डर ही है।

चाहे मैं अखबार हूँ या टीवी।

या हूँ किसी मंत्री की कुर्सी के पीछे छिपा देश का भविष्य।

हूँ चोटिल चेहरे वाला सुधार भी।

दुःख है कि मंदिरों-मस्जिदों में भी हूँ।

 

लेकिन मर जाता है मेरा नामुराद दिल

क्योंकि अपनी सर्व-व्यापकता के कारण

मै डर को बना के बहुत बड़ा पर्दा,

स्कूलों में भी हूँ।

काश! न होता।

काश! होता उसकी चिकित्सा – जिसका डर हूँ।

डॉ. चंद्रेश कुमार छतलानी

नाम: डॉ. चंद्रेश कुमार छतलानी शिक्षा: विद्या वाचस्पति (Ph.D.) सम्प्रति: सहायक आचार्य (कम्प्यूटर विज्ञान) साहित्यिक लेखन विधा: लघुकथा, कविता, बाल कथा, कहानी सर्वाधिक अकादमिक प्रमाणपत्र प्राप्त करने हेतु तीन रिकॉर्ड अंग्रेज़ी लघुकथाओं की पुस्तक के दो रिकॉर्ड और एक रिकॉर्ड हेतु चयनित 13 पुस्तकें प्रकाशित, 10 संपादित पुस्तकें 33+ शोध पत्र प्रकाशित 50+ राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय सम्मान प्राप्त फ़ोन: 9928544749 ईमेल: [email protected] डाक का पता: 3 प 46, प्रभात नगर, सेक्टर-5, हिरण मगरी, उदयपुर (राजस्थान) – 313 002 यू आर एल: https://sites.google.com/view/chandresh-c/about ब्लॉग: http://laghukathaduniya.blogspot.in/

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