शक
छोटी सी उम्र में ही सुमन के मां-बाप गुजर गए थे! चाचा- चाची ने ही उसे पाला-पोसा था ! शादी का भारी भरकम खर्च उठाने का सामर्थ्य और इच्छाशक्ति दोनों ही नहीं थीं, सो जब 45 वर्षीय विधुर विनय का रिश्ता आया, वे मना न कर पाए !
चंचल, सुंदर सुमन भी इसे अपनी नियति मान कर घर में रच बस गयी थी ! पर सुमन की खूबसूरती और उसकी कमसिन उम्र ही उसकी दुश्मन बन गयी थी ! इस बेमेल जोड़ी को लेकर अक्सर लोग कानाफूसी करते !
उसका किसी भी परपुरुष से बात करना अब विनय को नागवारा गुजरता !शक का कीड़ा उनकी गृहस्थी को लग चुका था !
अंजु गुप्ता