कविता

अकेलापन

अकेला ही इस जग में आया था,
अकेले ही यहां से जाना है,
दो दिन की इस जिंदगी में,
जी लेना मुझे एक जमाना है.
चार दिन की चांदनी फिर अंधेरी रात होती देखी है,
पर क्या चांद इससे डरा है!
वह अकेले ही चमककर,
आसमान के साथ दुनिया को चमकाता रहता है.
तेजोमय सूरज से कोई आंख नहीं मिला सकता,
फिर भी ग्रहण के समय लोग उससे आंखें चुराते हैं,
सूरज फिर भी बिंदास चमकता है,
अपनी लड़ाई खुद अकेले ही लड़ता है,
अपने को ग्रहण से मुक्त करवाकर दिखाता है.
अकेलापन खुद को खोजने की अवस्था ख़ास है,
अकेलापन एक व्रत है, उपवास है,
अकेले जीकर दिखाने का सुखद अहसास है,
आत्मिक शांति के लिए लोग एकांतवास है.
कोई साथ दे या न दे, चलना मुझे आता है,
हर आग से वाकिफ़ हूं, जलना मुझे आता है,
आंधी-तूफान में भी हौसले से पलना मुझे आता है,
अकेलापन खुद मुझे जीने की राह दिखाता है.

*लीला तिवानी

लेखक/रचनाकार: लीला तिवानी। शिक्षा हिंदी में एम.ए., एम.एड.। कई वर्षों से हिंदी अध्यापन के पश्चात रिटायर्ड। दिल्ली राज्य स्तर पर तथा राष्ट्रीय स्तर पर दो शोधपत्र पुरस्कृत। हिंदी-सिंधी भाषा में पुस्तकें प्रकाशित। अनेक पत्र-पत्रिकाओं में नियमित रूप से रचनाएं प्रकाशित होती रहती हैं। लीला तिवानी 57, बैंक अपार्टमेंट्स, प्लॉट नं. 22, सैक्टर- 4 द्वारका, नई दिल्ली पिन कोड- 110078 मोबाइल- +91 98681 25244

One thought on “अकेलापन

  • लीला तिवानी

    कोरोना के कारण आइसोलेशन बनाम अकेलापन पसंद किया जा रहा है-

    कोरोना वायरस के खौफ से लंदन की महारानी ने छोड़ा राजमहलब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ ने कोरोना के डर की वजह से द्वितीय ने बर्मिंगम पैलेस छोड़ दिया है और उन्हें विंडसर कैसल ले जाया गया है। इसके पीछे योजना है कि यदि देश में कोरोना वायरस का प्रकोप हो गया तो उन्हें और प्रिंस फिलिप को सेंड्रिंगम में अलग रखा जा सके। यह जानकारी रविवार को सामने आई। शाही परिवार के सूत्र ने मीडिया बताया कि उन्हें विंडसर ले जाया गया है। बताया गया, ‘उनकी सेहत अच्छी है, लेकिन सोचा गया कि उन्हें वहां से हटाना ही ठीक होगा। उनका स्टाफ कोरोना वायरस को लेकर घबराया हुआ है।’

Comments are closed.