दोहे रमेश के कोरोना पर
आओ पहुँचाए चलो,घर घर सभी रमेश ।
कोरोना पर देश के, ..पी अम का संदेश ।।
आओ हम खायें कसम, मिलकर पूरा देश ।
जनता कर्फ्यू का करें, पालन सभी रमेश ।।
दुनिया को सिखला रहा, कोरोना तरकीब।
हाथ जोड़ कर सीखिए, भारत की तहजीब।।
सावधानियों पर अगर,दिया सभी ने ध्यान।
हो जायेगा शर्तिया, …….कोरोना बेजान ।।
कोरोना का एक ही,दिखता हमें इलाज।
सावधानियों से रहे, ..पूरा विश्व समाज।।
लगातार खाँसी रहे, …चढने लगे बुखार ।
तुरत दिखायें वैध को,करना नही विचार ।।
नजरें टेढी हो गई, …नही मिलाते हाथ ।
कोरोना से आदमी, ऐसा हुआ अनाथ ।।
रखें फासला तीन फिट,नही मिलायें हाथ ।
चाहे रिश्तेदार हो, ……..चाहे हों वे नाथ ।।
कोरोना के सामने…,दिखे विश्व असहाय ।
इसका दिखता भी नही,कोई अभी उपाय ।।
खड़े हो गये रोंगटे,.सुन कोरोना नाम ।
दिया चीन ने विश्व को,ये कैसा ईनाम ।।
झूठ बड़ा ये आज का, हम हैं सारे साथ ।
कोरोनो ने सत्य का, तोड़ दिया है हाथ ।।
कोरोना ने कर दिया,……ऐसा बंटाधार ।
बीवी भी करती नही,अब शौहर से प्यार ।।
कोरोना के जोड़ते,,…….राजनीति से तार !
ऐसों को अब क्या कहें, सोचो करो विचार !!
परेशान है विश्व की, पूरी जहाँ अवाम !
कोरोना पर कर रहे,राजनीति का काम !!
कोरोना ने कर दिया…., वातावरण खराब !
रखते हैं मुख पर सभी,अपने लगा नकाब !!
— रमेश शर्मा