कविता

जेहाद

शहरों ने छेड़ दी है जेहाद – बीमार होने की
एक-एक कर नाम आ रहा है अपराधियों की लिस्ट में।
यूं तो शहर खुद भी परेशां हैं,
क्योंकि शहरों के ज़ख़्म,
बागों के बागी हो जाने पे हरे ही रह गए। 
बागों के भी क्या कहने!
वे कहने को कहते कि जडों की जद में है सिर्फ ज़हरीला पानी।
मैं भी एक सच कहूँ!
पानी पी रहा है ज़हर को,
क्योंकि हम इंसानों को अपने गले तर करने के लिए
चाहिए वो सब – जो आ जाता है –
हमारे गलों तक।

डॉ. चंद्रेश कुमार छतलानी

नाम: डॉ. चंद्रेश कुमार छतलानी शिक्षा: विद्या वाचस्पति (Ph.D.) सम्प्रति: सहायक आचार्य (कम्प्यूटर विज्ञान) साहित्यिक लेखन विधा: लघुकथा, कविता, बाल कथा, कहानी सर्वाधिक अकादमिक प्रमाणपत्र प्राप्त करने हेतु तीन रिकॉर्ड अंग्रेज़ी लघुकथाओं की पुस्तक के दो रिकॉर्ड और एक रिकॉर्ड हेतु चयनित 13 पुस्तकें प्रकाशित, 10 संपादित पुस्तकें 33+ शोध पत्र प्रकाशित 50+ राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय सम्मान प्राप्त फ़ोन: 9928544749 ईमेल: [email protected] डाक का पता: 3 प 46, प्रभात नगर, सेक्टर-5, हिरण मगरी, उदयपुर (राजस्थान) – 313 002 यू आर एल: https://sites.google.com/view/chandresh-c/about ब्लॉग: http://laghukathaduniya.blogspot.in/