मुक्तक/दोहा

जोगीरा सरररर…

काश्मीर की कली हुई पहले से खुशबूदार।
अब्दुल्ला- मुफ्ती के चंगुल से हो गई फरार।।
जोगीरा सरररर……

तीन तलाक न दे पाएगा शौहर बरखुर्दार।
छोड़ मियां को बेगम करती मोदी जी से प्यार।।
जोगीरा सरररर…….

राममंदिर का हुआ फैसला सबको है स्वीकार।
तम्बू से मंदिर में आएंगे अवधेश कुमार।।
जोगीरा सरररर…….

आजम खां की भैंस खोजती थी यूपी सरकार।
भैस खोजती होली में वो कहाँ गया दिलदार।।
जोगीरा सरररर……..

लैला – मजनू रंग घोलकर होली को तैयार।
खेल न पायें होली रोके कोरोना गद्दार।।
जोगीरा सरररर…….

डूब रहा यश बैंक देश में इसको लियो उबार।
प्रियंका – राणा की पेंटिंग में दो करोड़ व्यापार।।
जोगीरा सरररर……

— डॉ अवधेश कुमार अवध

*डॉ. अवधेश कुमार अवध

नाम- डॉ अवधेश कुमार ‘अवध’ पिता- स्व0 शिव कुमार सिंह जन्मतिथि- 15/01/1974 पता- ग्राम व पोस्ट : मैढ़ी जिला- चन्दौली (उ. प्र.) सम्पर्क नं. 919862744237 [email protected] शिक्षा- स्नातकोत्तर: हिन्दी, अर्थशास्त्र बी. टेक. सिविल इंजीनियरिंग, बी. एड. डिप्लोमा: पत्रकारिता, इलेक्ट्रीकल इंजीनियरिंग व्यवसाय- इंजीनियरिंग (मेघालय) प्रभारी- नारासणी साहित्य अकादमी, मेघालय सदस्य-पूर्वोत्तर हिन्दी साहित्य अकादमी प्रकाशन विवरण- विविध पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशन नियमित काव्य स्तम्भ- मासिक पत्र ‘निष्ठा’ अभिरुचि- साहित्य पाठ व सृजन