गीत-भीतर भी कोरोना है
बाहर भी कोरोना दिखता भीतर भी कोरोना है.
जाने कब तक कोरोना का बोझा हमको ढोना है.
सुबह-सुबह अख़बारों में भी
ये ख़बरें सिरमौर हुईं हैं.
इतने रोगी और बढ़ गये
इतनी मौतें और हुईं हैं.
कुछ भी नहीं समझ में आता-आगे क्या-क्या होना है.
बाहर भी कोरोना दिखता भीतर भी कोरोना है.
टीवी पर नाटक-फिल्मों का
कैसे हम आनंद उठायें.
हर चैनल पर विज्ञापन में
सैनिटाइजर – मास्क दिखायें.
कोरोना की दहशत में अब घर का कोना-कोना है.
बाहर भी कोरोना दिखता भीतर भी कोरोना है.
कभी किसी को फोन करो तो
बस उसका होता यह कहना-
रखना अपना ध्यान हमेशा
हरदम अपने घर में रहना.
चाहे जिससे बात करो पर यही सभी का रोना है.
बाहर भी कोरोना दिखता भीतर भी कोरोना है.
फिर भी हमको यह यक़ीन है-
संकट के ये पल बीतेंगे
ज॔ग लड़ेंगे घर में रहकर
हम कोरोना से जीतेंगे
डटकर करना है मुकाबला हमको धैर्य न खोना है.
बाहर भी कोरोना दिखता भीतर भी कोरोना है.
डाॅ. कमलेश द्विवेदी
मो.9140282859