मिला जो वक्त थोड़ा-सा गुजारो आज मस्ती में
हंसी मिलती नहीं है रेल से,
हंसी मिलती नहीं पनवेल से
न ईर्ष्या-द्वेष से मिलती कभी भी
हंसी आती नहीं है तेल से ।
अगर मस्ती हो जीवन में,सदा ये मुस्कुराएगी,
अगर दिल साफ हो तो हंसी खुद ही चलकर आएगी,
मम्मी-पापा-बीबी-बच्चे संग लगते बहुत अच्छे
गुजारें वक्त थोड़ा संग, जिंदगी खिलखिलाएगी
— सुरेश मिश्र