धर्म-संस्कृति-अध्यात्म

राम जन्म भूमि

हिंदुओं को दावा है कि यह जगह भगवान राम की जन्मभूमि है साल 1528: मुगल बादशाह बाबर ने (विवादित जगह पर) मस्जिद का निर्माण कराया। यहां पहले एक मंदिर था। साल 1853-1949 तक: 1853 में इस जगह के आसपास पहली बार दंगे हुए। … साल 1949: असली विवाद शुरू हुआ 23 दिसंबर 1949 को, जब भगवान राम की मूर्तियां मस्जिद में पाई गईं। इस विवाद का मूल मुद्दा राम जन्मभूमि और बाबरी मस्जिद की स्थिति को लेकर है। विवाद इस बात को कर था कि क्या हिंदू मंदिर को ध्वस्त कर वहां मस्जिद बनाया गया या मंदिर को मस्जिद के रूप में बदल दिया गया। बाबरी मस्जिद को एक राजनीतिक रैली के दौरान नष्ट कर दिया गया था, जो 6 दिसंबर 1992 को एक दंगे में बदल गया था। हिन्दुओं की मान्यता है कि श्री राम का जन्म अयोध्या में हुआ था और उनके जन्मस्थान पर एक भव्य मन्दिर विराजमान था जिसे मुगल आक्रमणकारी बाबर ने तोड़कर वहाँ एक मस्जिद बना दी। एक सदी से अधिक पुराने इस मामले की सुनवाई करते हुए शीर्ष अदालत ने यह भी कहा कि “रामजन्मभूमि न्यास को 2.77 एकड़ ज़मीन का मालिकाना हक़ मिलेगा. वहीं, सुन्नी वक़्फ़ बोर्ड को अयोध्या में ही पांच एकड़ ज़मीन दी जाएगी. अब केंद्र सरकार के रिसीवर के पास रहेगी, जो इसे सरकार द्वारा बनाए जाने वाले ट्रस्ट को सौंपेंगे. एनडीटीवी के अनुसार सीजेआई ने पांच जजों की संवैधानिक पीठ द्वारा लिया गया फैसला सुनाते हुए बताया कि शिया वक्फ बोर्ड की याचिका खारिज कर दिया गया है.

उन्होंने आगे कहा, ‘सुन्नी वक्फ बोर्ड ने जमीन पर मालिकाना हक की मांग है. सुन्नी वक्फ बोर्ड के लिए शांतिपूर्वक कब्जा दिखाना असंभव है. बोर्ड का कहना है कि बाबरी मस्जिद के निर्माण से ढहाए जाने तक नमाज़ पढ़ी जाती थी. बाहरी प्रांगण में हिंदुओं द्वारा पूजा का एक सुसंगत पैटर्न था. दोनों धर्मों द्वारा शांतिपूर्ण पूजा सुनिश्चित करने के लिए एक रेलिंग की स्थापना की गई.’ पीठ ने कहा, ‘मुस्लिम ऐसा कोई सबूत पेश नहीं कर पाए जिससे संकेत मिले कि 1857 से पहले मस्जिद पूरी तरह उनके कब्जे में थी.’ न्यायालय ने कहा कि हिंदू यह साबित करने में सफल रहे हैं कि विवादित ढांचे के बाहरी बरामदे पर उनका कब्जा था और उत्तर प्रदेश सुन्नी वक्फ बोर्ड अयोध्या विवाद में अपना मामला साबित करने में विफल रहा है. इसने कहा, ‘हिंदुओं का यह विश्वास निर्विवाद है कि ढहाए गए ढांचे की जगह ही भगवान राम का जन्म हुआ था.’ ढांचे को ध्वस्त किए जाने से देश में हिंदुओं-मुसलमानों के बीच दंगे भड़क उठे थे और उत्तर भारत तथा मुंबई में अधिक संख्या में दंगे हुए जिनमें सैकड़ों लोग मारे गए. ढांचा ढहाए जाने और दंगों से गुस्साए मुस्लिम चरमपंथियों ने मुंबई में 12 मार्च 1993 को सिलसिलेवार बम विस्फोट किए जिनमें सैकड़ों लोगों की जान चली गई. सीजेआई ने यह भी बताया कि केंद्र सरकार तीन महीने में मंदिर निर्माण योजना तैयार करेगी, जिसमें एक ट्रस्ट का गठन करना होगा. इस ट्रस्ट में एक सदस्य निर्मोही अखाड़ा से भी होगा. सीजेआई ने यह भी बताया – 1856-57 से पहले आंतरिक अहाते में हिंदुओं पर कोई रोक नहीं थी. 1856-57 के संघर्ष ने शांतिपूर्ण पूजा की अनुमति देने के लिए एक रेलिंग की स्थापना की. अदालत ने आगे कहा कि विवादित ज़मीन हिंदुओं को दी जाएगी और मुस्लिम पक्ष को मस्जिद बनाने के लिए अयोध्या में ही पांच एकड़ जमीन मिलेगी. सीजेआई ने यह भी बताया कि केंद्र सरकार तीन महीने में मंदिर निर्माण योजना तैयार करेगी, जिसमें एक ट्रस्ट का गठन करना होगा. इस ट्रस्ट में एक सदस्य निर्मोही अखाड़ा से भी होगा. अदालत ने कहा कि फिलहाल अधिग्रहित जमीन रिसीवर के पास रहेगी. अदालत ने कहा कि फिलहाल अधिग्रहित जमीन रिसीवर के पास रहेगी.

कुछ दोहे–

राम नाम जपते दिखे ,खुशी भरा दरवार

बाल लल्ला राम सजे, भक्ति भरा इंतज़ार.

राम मंदिर बने जरूर, कोर्ट से स्वीकार

ये तब ही पूर्ण होगा,जब जन का इकरार.

भारत माँ श्री राम जय, मिलकर सब बुलाई

मन्दिर बनने की रोक, कभी ना आयेगी

— रेखा मोहन २८ /३/२०

*रेखा मोहन

रेखा मोहन एक सर्वगुण सम्पन्न लेखिका हैं | रेखा मोहन का जन्म तारीख ७ अक्टूबर को पिता श्री सोम प्रकाश और माता श्रीमती कृष्णा चोपड़ा के घर हुआ| रेखा मोहन की शैक्षिक योग्यताओं में एम.ऐ. हिन्दी, एम.ऐ. पंजाबी, इंग्लिश इलीकटीव, बी.एड., डिप्लोमा उर्दू और ओप्शन संस्कृत सम्मिलित हैं| उनके पति श्री योगीन्द्र मोहन लेखन–कला में पूर्ण सहयोग देते हैं| उनको पटियाला गौरव, बेस्ट टीचर, सामाजिक क्षेत्र में बेस्ट सर्विस अवार्ड से सम्मानित किया जा चूका है| रेखा मोहन की लिखी रचनाएँ बहुत से समाचार-पत्रों और मैगज़ीनों में प्रकाशित होती रहती हैं| Address: E-201, Type III Behind Harpal Tiwana Auditorium Model Town, PATIALA ईमेल [email protected]