उम्मीद
उम्मीदों के चिराग जलाए रखिए
हवा अभी कुछ तेज है
चिरागों को इससे बचाएं रखिए
चिरागों की लौ न बुझे
बस तेल इसमें डालते रहीए
रात चाहे कितनी भी लंबी हो
हर रात के बाद दिन का उजाला लाजमी है
गुजर जाएगा यह तूफा भी
बस आप हिम्मत न हारिए
यह है हमारे धैर्य की परीक्षा
इस परीक्षा में खरा उतरने चाहिए
— ब्रजेश