अफसोस
जब मैंने आपको पुकारा था
अफसोस वो भी आप सुन ना सकी,
मेरी सच्ची मोहब्बत को महसूस भी ना कर सकी”
मै चाहता था आपसे मोहब्बत करना
आप बेशुमार मोहब्बत करो ये चाहत थी हमारी,
पर दिल के डर ने, कभी ऐसा होने नहीं दिया
इज़हार कभी कर ना पाया, इजाजत कभी दे ना पाया
हमे लगता है कि .
आपने तो प्यार करना कभी सिखा ही नहीं