इंतजार के पल…
इंतजार के पल अब गुजारे नहीं गुजरते हैं,
हर घड़ी हम सिर्फ़ तुमको याद करते हैं।
मूंद लेते हैं अक्सर हम इन पलकों को,
जब तुमसे दीदार के वो पल याद करते हैं।
हमको कभी तो तुम देख लो जी भर के,
चूड़ी, बिंदिया, पायल ये फरियाद करते हैं।
तुम्हारी एक झलक पाने को तरस जाते हैं,
आंसू बनकर दिल के अरमान बरस जाते हैं।
इतनी भी फुर्सत नहीं है क्या तुमको,
हिचकियों में ही सही, याद कर लो हमको।
— कल्पना सिंह