गीत/नवगीत

गीत

प्यारा  भारत  एक  हमारा ,  ये दुनियाँ  को  बतलाये
हिन्दू मुस्लिम सिख ईसाई मिलकर के हम दीप जलाये
देश  पे  नित-दिन संकट बढ़ता  घोर निराशा छाती है
मौत भी चुपके -चुपके अपनी ओर ये बढ़ती आती है
इसलिए कहता  हूँ  सबसे  घोर तिमिर को दूर भगाये
प्यारा  भारत  एक  हमारा , ये  दुनियाँ  को बतलाये
हिन्दू मुस्लिम सिख ईसाई मिलकर के हम दीप जलाये
पर्वत पाटे , जंगल काटे , छाया तब संकट जग पर
हम तो प्रकृति के है पुजारी हमे भला फिर कैसा डर
वृक्ष लगाकर हम सब प्यारे प्रकृति के दर शीश झुकाये
प्यारा  भारत  एक हमारा , ये  दुनियाँ को  बतलाये
हिन्दू मुस्लिम सिख ईसाई मिलकर के हम दीप जलाये
वैज्ञानिक  ये  बात  है  प्यारे  कीट -पतंगे  मर  जाते
सदियों  पुरानी  परंपरा  है रोग – दोष सब डर जाते
विश्वगुरु के वंसज हम फिर से दुनियाँ को राह दिखाये
प्यारा  भारत एक  हमारा , ये  दुनियाँ को बतलाये
हिंदू मुस्लिम सिख ईसाई मिलकर के हम दीप जलाये
चीनी करतूती  के कारण  बन्द सभी घर द्वार  हुये
शासन और प्रशासन के संग डॉक्टर जन लाचार हुये
बिना इक्कठे हुये दीप की लौं में हम सब इसे मिटाये
प्यारा  भारत  एक  हमारा , ये दुनियाँ  को बतलाये
हिन्दू मुस्लिन सिख ईसाई मिलकर के हम दीप जलाये
चंदा पलो की दीवाली से  ऊर्जा  का संचार भी होगा
दिव्य ज्योति की ऊर्जा से वायरस का संघार भी होगा
इसलिए  घर में  रहकर हम आज नया त्यौहार मनाये
प्यारा भारत एक हमारा ये दुनियाँ को बतलाये
हिन्दू मुस्लिम सिख ईसाई मिलकर के हम दीप जलाये
हाथ धोये निर्मल जल से और धैर्य का साथ नही छोड़े
बंद रह कर अपने कमरों में अफवाह के व्यूह को तोडे
बाल  भी  बांका  न  होगा  गर योग हम सभी  अपनाये
प्यारा  भारत  एक  हमारा , ये दुनियाँ  को बतलायें
हिन्दू मुस्लिम सिख ईसाई मिलकर के हम दीप जलाये
— ऋषभ तोमर 

ऋषभ तोमर

अम्बाह मुरैना