कोरोना कोरोना जाओ भाग जाओ
कोरोना कोरोना जाओ भाग जाओ
दाल तुम्हारी यहां न गलेगी भाग जाओ
1.क्यों आए हो ऐसी विपदा लेकर बोलो!
अपना पूरा परिचय दे दो मुंह तो खोलो!
अगर नहीं दम तुममें इतना भाग जाओ
दाल तुम्हारी यहां न गलेगी भाग जाओ
कोरोना कोरोना जाओ भाग जाओ
दाल तुम्हारी यहां न गलेगी भाग जाओ
2.हाल जो रोगी का कोई पूछे मिले तसल्ली उसको
लेकिन तुम तो रोग हो ऐसा कोई न पूछे किसको
ऐसी विपदा भली दूर से भाग जाओ
दाल तुम्हारी यहां न गलेगी भाग जाओ
कोरोना कोरोना जाओ भाग जाओ
दाल तुम्हारी यहां न गलेगी भाग जाओ
3.हमने अकेलेपन को अपना साथी बना लिया है
अपने मन में आत्मबल का दीपक जला दिया है
अब ये तपस्या भंग न होगी भाग जाओ
दाल तुम्हारी यहां न गलेगी भाग जाओ
टिक न सकोगे इसके आगे भाग जाओ
दाल तुम्हारी यहां न गलेगी भाग जाओ
कोरोना कोरोना जाओ भाग जाओ
दाल तुम्हारी यहां न गलेगी भाग जाओ
4.ये न समझना डर के मारे घर में छिपे बैठे हैं
संगठित होकर रखा फासला इसीलिए ऐंठे हैं
संक्रमण को साथ में लेके भाग जाओ
दाल तुम्हारी यहां न गलेगी भाग जाओ
कोरोना कोरोना जाओ भाग जाओ
दाल तुम्हारी यहां न गलेगी भाग जाओ
5.घर से बाहर हम नहीं आते कैसे फिर पकड़ोगे!
धोते साबुन से हाथों को कैसे फिर जकड़ोगे!
खुद को बचाना सीख लिया है भाग जाओ
दाल तुम्हारी यहां न गलेगी भाग जाओ
अनुशासन भी सीख लिया है भाग जाओ
दाल तुम्हारी यहां न गलेगी भाग जाओ
नैतिक बनना सीख लिया है भाग जाओ
दाल तुम्हारी यहां न गलेगी भाग जाओ
स्वच्छ रहना सीख लिया है भाग जाओ
दाल तुम्हारी यहां न गलेगी भाग जाओ
कोरोना कोरोना जाओ भाग जाओ
दाल तुम्हारी यहां न गलेगी भाग जाओ
दाल तुम्हारी यहां न गलेगी भाग जाओ
दाल तुम्हारी यहां न गलेगी भाग जाओ
दाल तुम्हारी यहां न गलेगी भाग जाओ
दाल तुम्हारी यहां न गलेगी भाग जाओ
इस गीत को आप यू.ट्यूब पर भी सुन सकते हैं. लिंक है-
https://www.youtube.com/watch?v=TJlxyNuDM9c&feature=youtu.be
आपकी कोरोना को चुनौती विषयक यह कविता अच्छी लगी। हार्दिक धन्यवाद् एवं सादर नमस्ते जी।
प्रिय मनमोहन भाई जी, यह जानकर अत्यंत हर्ष हुआ, कि आपको हमारी यह रचना अति उत्तम लगी. रचना का संज्ञान लेने, इतने त्वरित, सार्थक व हार्दिक कामेंट के लिए हृदय से शुक्रिया व धन्यवाद.
कोरोना के पलायन का एकमात्र कारगर उपाय है- सामाजिक दूरी. इसके लिए हमें अपने आत्मबल को जगाना होगा, मन में विश्वास जगाना होगा. आत्मबल का दीपक जलाने से ही कोरोना का बल घटेगा, आत्मबल का दीपक जलाने से ही कोरोना का अंधियारा छंटेगा. आत्मबल जगाइए, आत्मबल बढ़ाइए.