कविता

एक व्यंग

लोग बहुत खुश है प्रसन्न है, आनंदित है
लॉक डाउन होने से आवाजाही कम हो गई
मोटर गाड़ी ,रेल, हवाई जहाज न चलने से
उनके ईधन से निकलने वाले धुएं से जो वातावरण
अशुद्ध हो गया था
उसका शुद्धिकरण हो गया
हरिद्वार में हर की पोड़ी
प्रयागराज की गंगा सब निर्मल शुद्ध हो गए
जालंधर से शिमला के हिम शिखर दिखने लगे
जालंधर से हिमाचल है 200 किलोमीटर दूर
पर पहाड़ साफ दिखाई देने लगे
तू समझ नहीं पा रहा ये क्यों
तुझे दिखाया जा रहा है नज़ारा
तू अगर छली कपटी है
तो प्रकृति भी कुछ कम नहीं
बता रही है बेटा
अभी तो 200 किलोमीटर से पहाड़ साफ दिखाई दे रहे
अगर नहीं जो सुधरे अब भी
आसमान में भैंसे पर यमराज गदा लिए साक्षात दिखाई देंगे

— ब्रजेश

*ब्रजेश गुप्ता

मैं भारतीय स्टेट बैंक ,आगरा के प्रशासनिक कार्यालय से प्रबंधक के रूप में 2015 में रिटायर्ड हुआ हूं वर्तमान में पुष्पांजलि गार्डेनिया, सिकंदरा में रिटायर्ड जीवन व्यतीत कर रहा है कुछ माह से मैं अपने विचारों का संकलन कर रहा हूं M- 9917474020