प्रेम दीवानी
जहर सुकरात ने पिया
जहर मीरा ने भी पिया
सुकरात पी कर मर गया
मीरा न मरी जहर पीकर भी
कभी दिमाग में आया कि ऐसा क्यों
जहर दोनों ही मारक थे
एक व्यक्ति जहर के प्रभाव से मर गया
एक उससे कैसे बच गया
सवाल विचारणीय है
सुकरात बहुत बड़ा ज्ञानी था
मीरा भक्ति में प्रेम दीवानी थी
प्रेम अनुरागी थी
प्रेम अजर अमर है
प्रेम कभी मरता नहीं
ज्ञान मर जाता है एक दिन
इसलिए सुकरात मर गया
मीरा मरी नहीं
विलीन हो गई अपने प्रेम में
अपने आराध्य गिरधर गोपाल में
ब्रजेश