भारतीय संविधान को बनाने में 25 वर्ष लगे; न कि 2 वर्ष, 11 माह, 18 दिन !
मालूम हो, मोतीलाल नेहरू, चितरंजन दास आदि ने स्वराज्य संबंधी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने हिन्दू राष्ट्र को लेकर इसकी रचना में लगे ! परंतु भारतीय नेताओं को जब देश की आजादी की महक लगी, तब प्रायः प्रांतों से हर धर्म, वर्ग, राजा, राय बहादुर, उच्च शिक्षित गणमान्य लोगों की लिस्ट तैयार की गई, संविधान निर्माण को लेकर, जो 389 की संख्या में थी, किन्तु यह संख्या घटी भी, 299 भी हुई।
काफी मेधावी डॉ. सच्चिदानंद सिन्हा और डॉ. राजेन्द्र प्रसाद को एतदर्थ चुना गया, जो 6/9 दिसंबर 1946 के सम्प्रति ‘संविधान सभा’ के अध्यक्ष रहे । डॉ. भीमराव अंबेडकर को तो ‘संविधान’ के लिए तो अंतिम रूप में शामिल किया गया था, वह भी दलित वर्ग से आई रिक्तियाँ के कारण ! ‘ड्राफ्टिंग कमिटी’ का अध्यक्ष तो बी एन राव का बनना तय था, किन्तु ऐन वक्त में डॉ. अम्बेडकर ने यह बीड़ा उठाया और तब बी एन राव को सचिव बनाया गया था।
ड्राफ्ट कमिटी की अध्यक्षता को अम्बेडकर साहब ने बखूबी निभाए, किन्तु मात्र 70 साल में 100 से ऊपर संविधान संशोधन हो गए !