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नवाचारी शिक्षा और बुनियादी तथ्य

प्रथमत: जानते हैं कि नवाचारी शिक्षा क्या है ? नवाचारी शिक्षाशास्त्र क्या है ? नवाचारी शिक्षाशास्त्र में दो शब्द है, यथा- नवाचारी और शिक्षाशास्त्र। यहाँ नवाचारी और शिक्षाशास्त्र में भी दो-दो शब्द है। वहीं शिक्षा और शास्त्र मिलकर शिक्षाशास्त्र शब्द बना है। शिक्षा के बारे में जिस पुस्तक में उल्लेख है, उसे शिक्षाशास्त्र कहते हैं। […]

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अधिगम प्रतिफल की वास्तविक स्थितियाँ

तयशुदा सच है,चंचल शिशु जल रही दीपक की लौ को पकड़ लेता है। लौ पकड़ने से उसका हाथ जल जाता है और उसे पीड़ा होती है। पीड़ा तो उसे तब भी होती है, जब शिशु चमकदार वस्तु समझकर तलवार की तेज धार को पकड़ लेते हैं और हाथ घायल कर बैठते हैं। हमारे दैनंदिनी में […]

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शैक्षिक मूल्यांकन में प्रश्न निर्माण

मान्य/मान्या प्रखंड साधनसेवी प्रखंड संसाधन केंद्र (BRC), प्रखंड- अ, जिला- ब, राज्य- स संदर्भित प्रसंग :- अधिगम प्रतिफल के आधार पर प्रश्न निर्माण (गुणवत्ता मूल्यांकन आइटम) कर प्रेषण के संबंध में। महाशय/महाशया, विनम्र अभ्यर्थना है कि अधिगम प्रतिफल के आधार पर निम्नांकितरूपेण प्रश्न निर्माण (गुणवत्ता मूल्यांकन आइटम) किए जाते हैं, यथा- क. जिज्ञासा को लेकर […]

समाचार

सदानंद पॉल को मिला ‘विद्यावाचस्पति’ सम्मान

■ सदानंद पॉल को मिला ‘विद्यावाचस्पति’ सम्मान  मनिहारी अनुमंडल के नवाबगंज निवासी साहित्यकार सदानंद पॉल को विक्रमशिला हिंदी विद्यापीठ, गाँधीनगर, भागलपुर ने उनके सुदीर्घ हिंदी सेवा, सारस्वत साधना, कला के क्षेत्र में महत्वपूर्ण उपलब्धियाँ, शैक्षिक प्रदेयों, महनीय शोधकार्य तथा राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय प्रतिष्ठा के आधार पर ‘विद्यावाचस्पति’ सारस्वत सम्मान प्रदान किया है। ज्ञात हो, यह […]

भाषा-साहित्य

हिंदी की ‘पॉश कल्चर’ लेखिका को ‘बुकर’

भारतीय अंग्रेजी लेखक अरविंद अडिग को उनके पहले उपन्यास ‘द व्हाइट टाइगर’ के लिए वर्ष 2008 में यह पुरस्कार मिला था. अरविंद अडिग को उनके पहले उपन्यास द व्हाइट टाइगर के लिए वर्ष 2008 में यह पुरस्कार मिला. उपन्यास की कहानी उसके मुख्य पात्र कोलकाता में बसे बिहार के सहरसा निवासी बलराम हलवाई के आसपास […]

कविता

मौसमी दोस्त

हम जो लक्ष्य प्राप्त करना चाहते हैं, वह मिलते नहीं, पर वैसे क्षेत्र या मुकाम हासिल हो जाते हैं, जिसकी हमने तैयारी ही नहीं की ! कभी ऐसा भी होता है कि हमारा गलत निर्णय भी सुंदर भविष्य का निर्माण कर बैठते हैं ! आज के समय में ज्यादा अच्छा होना भी वृहद गलती है, […]

कविता

रिस्पेक्ट ट्रिक्स

विश्वास वह शक्ति है, जिनके द्वारा उजड़ी हुई दुनिया को फिर से ‘रोशन’ किया जा सकता है ! सपने हर कोई देखते हैं, पर उनमें सार्थक पंख लगाने जरूरी है ! अपने किरदार पर पर्दा रखकर हर व्यक्ति कह रहे हैं- वह ठीक है, पर जमाना खराब है ! परीक्षा उत्तीर्ण होने के लिए कई […]

इतिहास

वैदिक काल में भारतीय स्त्रियाँ

प्राचीन भारतवर्ष से आशय वैदिक काल से भी है, इस काल में स्त्रियों के लिए शिक्षा का व्यापक प्रचार था। वेदों में कुछ श्लोक इस बात को स्थापित करते हैं कि युवतियों के लिए शिक्षा महत्वपूर्ण मानी जाती थी। इतना ही नहीं, एक शिक्षित युवती का विवाह एक ऐसे दूल्हे से किया जाना चाहिए जो […]

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भारत में सर्व शिक्षा अभियान की प्रतिबद्धता

सर्व शिक्षा अभियान (SSA) की अवधारणा भारत सरकार की राष्ट्रीय शिक्षा नीति 1986, यथा संशोधित नीति 1992 तथा कार्यक्रम क्रियान्वयन परियोजना 1992 के अन्तर्गत प्राथमिक शिक्षा अर्थात कक्षा अष्टम तक की शिक्षा को सर्वजन सुलभ करने की राष्ट्रीय वचनबद्धता की फिर से पुष्टि करती है। उच्च कोटि की प्राथमिक शिक्षा में अभिवृद्धि एवं व्यापक प्रचार-प्रसार हेतु विश्व बैंक समर्थित बेसिक शिक्षा […]

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शिक्षा की अवधारणा और भविष्य

सबसे पहले ‘शिक्षा’ शब्द सार्थक भाव में विच्छेद करते हैं। हिंदी शब्दार्थ लिए “शिक्ष + आ” है, तो वहीं शिक्षा शब्द संस्कृत की ‘शिक्ष्’ धातु में प्रत्यय ‘अ’ लगाने से बना है। ‘शिक्ष्’ का अर्थ है- सीखना और सिखाना, ‘शिक्षा’ शब्द का अर्थ सीखने और सिखाने की क्रिया से है। शिक्षा स्त्रीलिंग शब्द है, जिसे विद्या […]