कोरोना ने ‘लॉक’ कर दिए हैं मित्रराग !
फेसबुक पर एक पारा शिक्षक मित्र गेहूँ कटाई करते फ़ोटो चस्पाये हैं…
मजदूरी में गए हैं या अपना खेत है !
अपने खेत में शर्म क्यों ?
यहाँ शिक्षक होने कोई मायने नहीं रखते हैं !
…..परंतु आपने दूरी नहीं बरते हैं, जो गलत है !
यह साँस संबंधी रोग है यानी थूक, लार, छींक इत्यादि इस महामारी के कारक हैं !
मित्रवर !
कोरोना का कोई इलाज नहीं है, लॉकडाउन सिर्फ बचाव है, उसमें भी सुरक्षित और संयमित जीवन अपनाकर यानी परिजनों व प्रियजनों से भी दूरी बरतकर ! फिजिकल डिस्टेंसिंग ! एक टाइम भोजन अपनाकर ! बिल्कुल सिम्पल खाना ग्रहण कर। यह भी देखते हुए कि आस-पड़ोस भूखे ना रहे !
मुझसे ज्यादा आप नहीं समझेंगे !
आपको तो खेत भी हैं, हमारे यहाँ एक ही परिवार के तीन शिक्षकों को जनवरी से वेतन बंद है !
खाना एक समय ही खाते हैं !
चाय-नाश्ता महीनों से बंद है !
फिर दूसरों की बात समझना आसान है….
मित्रवर ! एक मीटर की दूरी नहीं है, न ही नाक-मुँह पर तौलिये या गमछी या फेसमास्क !
इसलिए यह फोटो हटा दीजिए, डियर ! आप छात्रों के आइडियल हैं, याद रखिए !
यही कारण है, इस फोटो को मैं लाइक नहीं कर रहा हूँ ……
‘कोरोना’ को सीरियस समझो, यार !
अभी इसतरह की मटरगश्ती का फोटो क्या घरबन्दी कर्फ़्यू के समय जरूरी है ?
यह महामारी साँस संबंधी रोग है, इसलिए ज्यादा गलतफहमी या अति उत्साह में न रहिये ! हम आइरनमैन भले हो जाय, लेकिन दूसरों को बचा नहीं सकते !
यह डिस्टेंसिंग पारिवारिक सदस्यों पर भी लागू है, संबंधित आकलन और स्वास्थ्य रिपोर्टों को गंभीरता से अध्ययन कीजिए…..
जान है तो जहान है, अब तो जान भी जहां भी !
अन्यथा मर्जी आपकी !
मित्रवर ! परिवार में भी फिजिकल डिस्टेंसिंग इसलिए जरूरी है, क्योंकि परिवार के कोई न कोई सदस्य राशन-पानी के लिए बाहर जाएँगे ही ! सरकार यह नहीं कहेंगे कि पति-पत्नी में संबंध मत रखिये ! …. किंतु जब हम डिस्टेंसिंग का पालन करेंगे, तो स्वाभाविक है, शारीरिक-संबंध फिर कैसे होंगे ? एक मीटर, दो गज आदि दूरी सिर्फ परायों के लिए नहीं, अपनों के लिए भी है !
…..और भी सर्च कीजिए, मेरी हर बात सटीक निकलेगी !
हाँ, अब तो मर्जी आपकी बिल्कुल नहीं चलेगी !