जीवन मृत्यु
जीवन मृत्यु
*********
जीवन क्या और
मृत्यु क्या
दोनों के बीच है एक झीना सा परदा
परदे के एक तरफ खड़ा है जीवन
दूसरी तरफ खड़ी हुई है मृत्यु
निहार रहे दोनों इक दूजे को
जीवन मृत्यु को देखे
और मृत्यु देखे जीवन को
दोनों आपस में हैं प्रेमी
मिलने गले को हैं आतुर
जीवन मृत्यु से मिलने को
और मृत्यु जीवन से
मृत्यु जीवन को
कब वरण कर ले
और कब जीवन उससे हो जाए स्पंदितब्रजेश