कविता बदल गए *तारकेश कुमार ओझा 04/05/2020 मेले वही है , बस इश्तेहारें बदल गए आसमां वही है , सितारे बदल गए मायने वही है , मगर मुहावरे बदल गए आग वही है , अंगारे बदल गए गलियां वही है , शोर – शराबे बदल गए शहर वही है , बस नजारे बदल गए — तारकेश कुमार ओझा