रामकली की दिवाली
रामकली की दिवाली
‘‘माँ आज दीवाली है न, हम भी अपने घर में दीपक जलाएंगे। ये देखो मैंने दिया भी बना लिया है. अब तुम थोड़ा-सा तेल दे दो।’’ चहकते हुए पाँच वर्षीय रामू बोला।
“हाँ बेटा ये लो तेल की बोतल।” कहते हुए विधवा रामकली तेल की बोतल रामू को थमा दी, जिसमें बड़ी मुश्किल से दो चम्मच तेल रहा होगा।
रामकली की आँखों से आँसू टपक पड़े। आज फिर बिना तेल की सब्जी बनानी पडे़गी।
– डाॅ. प्रदीप कुमार शर्मा
रायपुर, छत्तीसगढ़