लघुकथा- जीवनदान
सरकारी सेवा निवृत अधिकारी रामलाल का बाई पास सर्जेरी होना था .पढ़े लिखे बेटे हिसाब लगा रहे थे .इलाज में खर्च दो लाख आएगा मगर जिंदगी दस साल बढ़ जाएगी ..फिर उन्होंने दस साल की पेंशन का हिसाब लगाया …ऑपरेशन सफल रहा .. रामलाल को उनके पेंशन ने जीवन दान दिया .
— महेंद्र कुमार वर्मा