सच्चाई
धरम करम का हो रहा,रोजाना व्यापार ,सच्चाई कुछ भी नहीं,बस मिथ्या आचार। धर्म कर्म में लीन हैं ,करते पूजा पाठ
Read Moreखुशियां पाओ बड़े मजे से ,दुख ठुकराओ बड़े मजे से। रात नशीली बोर करे तब ,घर जाओ जी बड़े मजे
Read Moreहोली में कवि धीर जी, लाए भर के रंग,सब मित्रों को दे रहे,खुशियों भरी उमंग ,खुशियों भरी उमंग,सभी में खुशियाँ
Read Moreहर रंग इक मनुहार अपनी है ये जिन्दगी ,हालत से मजबूर ,पाओगे खुशियां यहाँ, पर ग़म से भरपूर। कैसे भी
Read Moreयाद समुन्दर में चले, जब ख्वाहिश संगीत ,मन लहरें झूमें भगत ,सुन के जीवन गीत। —उलझन में सुनना सदा ,अपने
Read Moreसड़कों पे पानी भरा ,चली कागजी रेल ,आओ हमतुम खेल लें ,बचपन वाले खेल। —रिमझिम जी का शोर है ,बादल
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